आयुर्वेद पर आपको अगर अन्य चिकित्सा पद्धतियों से कम भरोसा है या आयुर्वेदिक इलाज कराने से डरते हैं तो आपको बता दें कि आयुर्वेद विश्व में सबसे लोकप्रिय चिकित्सा पद्धतियों में से एक बनने जा रहा है. यूरोपीय और पश्चिमी देशों में बेहद पसंद किया जाने वाला आयुर्वेद अब अफ्रीकी देशों में भी न केवल पहुंच रहा है बल्कि जल्द ही वहां के लोग आयुर्वेदिक इलाज करा सकेंगे.
दिल्ली स्थिति ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में हाल ही में 15 अफ्रीकी देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों ने दौरा किया है. जी-20 समिट के बाद यह बड़ी बात है कि इतनी बड़ी संख्या में अफ्रीकन यूनियन देशों के उच्चायुक्त एआईआईए में आयुर्वेद चिकित्सा को नजदीक से जानने पहुंचे हैं.
इस अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल ने एआईआईए में प्रदान किए जा रहे आयुर्वेदिक स्वास्थ्य लाभ में मॉडर्न साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रयोग को भी नजदीकी से देखा. भारत की इस पारंपरिक चिकित्सा विधि के बारे में जानकारी ले रहे प्रतिनिधियों ने अस्पताल में मौजूद आयुष ओपीडी, 30 सामान्य और सुपर स्पेशलिटी ओपीडी, एकीकृत रुमेटोलॉजी, दंत चिकित्सा और ऑन्कोलॉजी ओपीडी का विशेष रूप से दौरा किया और वहां मरीजों को दी जा रही चिकित्सा देखी.
अफ्रीकी राजदूतों और उच्चायुक्तों ने इस दौरान आयुर्वेद चिकित्सा को लेकर गहरी आशा व्यक्त की वहीं आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने वीडियो संदेश में इन सभी का स्वागत करने के साथ ही कहा कि यह यात्रा आयुर्वेद के माध्यम से अफ्रीकी देशों में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने में मददगार होगी.
सोनोवाल ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा ने हमेशा वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसकी क्षमता को पहचानता है. पारंपरिक चिकित्सा को मुख्य स्वास्थ्य देखभाल में शामिल करने से दुनिया भर में लाखों लोगों तक इसका लाभ पहुंचेगा. वहीं एआईआईए की निदेशक तनुजा नेसरी ने बताया कि एआईआईए आयुर्वेद को वैश्विक समुदाय तक ले जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और 50 से अधिक संगठन, प्रतिष्ठित संस्थान, विश्वविद्यालय के साथ शोधों के लिए समझौता ज्ञापन में प्रवेश किया है, जिनमें से 17 अंतरराष्ट्रीय ख्याति के हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 21:10 IST