हिना आज़मी/ देहरादून. राजधानी देहरादून में डेंगू के साथ-साथ चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस के मरीज भी सामने आ रहे हैं.बड़े ही नहीं बच्चों के लिए भी यह खतरनाक है. बच्चे झाड़ियां में खेलते हैं और जानवरों के संपर्क में रहते हैं जिनके पशुओं से स्क्रब टायफस नाम की बीमारी हो जाती है. सही टाइम पर इलाज न मिलने से ब्रेन इन्फेक्शन तक हो जाता है. इसलिए आप अपने बच्चों के सुरक्षित रखने के लिए इनका खास ख्याल रखें.
सीनियर फिजिशियन और दून अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ नारायणजीत ने जानकारी देते हुए कहा है कि स्क्रब टायफस के बारिश के मौसम में, झाड़ जंगलात वाले गांवों में ज्यादा होने की संभावनाएं होती हैं.
इसमें मरीज के भीतर कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं.बुखार आना, सिर दर्द होना, जोड़ो में दर्द लीवर एरिया में दर्द उल्टियां और मानसिक परिवर्तन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं.उन्होंने कहा कि कई बार देखा गया है कि कुछ मामलों में जब सही टाइम पर डायग्नोसिस ना करते हुए इलाज सही टाइम पर नहीं हो पता है तो इसका असर मरीज के दिमाग पर भी पड़ता है. उन्होंने कहा सही वक्त पर जांच और इलाज होने पर मरीज की हालत सुधर सकती है.
सीनियर फिजिशियन डॉ नारायणजीत ने बताया कि इसके लिए एंटीबॉडीज की जांच करवाई जाती है और इसकी दवाएं भी आसानी से मिल जाती हैं.
उन्होंने बताया कि बच्चों और वयस्कों में इसके समान लक्षण देखने के लिए मिलते हैं लेकिन बच्चे इसके लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते हैं या कहें परवाह नहीं करते हैं.
बच्चे अक्सर झाड़ियां में खेलते हैं और नंगे पैर घूमते हैं जिससे ये स्क्रब टायफस के संक्रमण को शुरू करने वाले पिस्सु से उन्हें इस बीमारी के होने का खतरा है. इसीलिए बच्चों को फुल स्लीव्स के कपड़े पहनाएं, जंगल झाड़ियों के सम्पर्क में न आने दें औऱ खास ख्याल रखें कि घर में चूहे आदि ना हो क्योंकि चूहों पर यह पिस्सू अक्सर पैदा हो जाते हैं और जब चूहें घर में घुसते हैं तो यह भी घर में आ जाते हैं.
वहीं यह पिस्सू आपके पालतू जानवरों पर भी हो सकते हैं इसीलिए बच्चों को जानवरों के संपर्क में न आने दें. उन्होंने कहा कि इसके लक्षण नजर आते ही तुरंत आप अस्पताल पहुंचे.
वही दून अस्पताल के सीएमएस डॉ अनुराग अग्रवाल ने बताया कि स्क्रब टायफस के लक्षण भी कुछ डेंगू से ही मिलते-जुलते हैं. इसमें बुखार , जाड़ा,बदन दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं और इसमें पीलिया होने के संभावनाएं होती हैं क्योंकि यह कहीं ना कहीं लीवर पर असर डालता है. उन्होंने बताया कि अभी तक सिर्फ दो मरीज ही अस्पताल पहुंचे हैं जिन्हें इलाज देकर डिस्चार्ज किया जा चुका है.
कैसे फैलता है स्क्रब टाइफस
स्क्रब टायफस पिस्सुओं के काटने से फैलती है. पिस्सू चूहों पर सवार होकर लोगों के घरों में पहुंचते हैं और घरों के अंदर प्रवेश करते ही पिस्सू लोगों को अपना शिकार बनाने में जुट जाते हैं. जैसे ही पिस्सू इंसान को काटता है तो उसकी लार में मौजूद जीवाणु जिसे रिक्टिशिया सुसुगामुशी कहते हैं. रक्त में फैलने लगता है जिसकी वजह से दिमाग और फेफड़ों में कई तरह के संक्रमण पैदा होने लगते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 28, 2023, 11:49 IST