हाइलाइट्स
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम में पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली आदि के सेवन से परहेज करें.
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स इस समस्या के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं.
Foods to avoid in Irritable Bowel Syndrome: कई लोगों को इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) की समस्या हो जाती है. यह पेट से जुड़ी एक गंभीर समस्या हो सकती है, यदि इसके लक्षणों को जानकर समय पर इलाज ना कराया जाए. इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम होने पर कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं जैसे बाउल मूवमेंट में बदलाव यानी कभी दस्त तो कभी कब्ज रह सकता है. थकान महसूस हो सकती है. एंजायटी, पेट में दर्द होना, ब्लोटिंग, उल्टी आना, जी मिचलाना, सूजन, गैस, पेट में ऐंठन आदि जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं. यह बड़ी आंत में होने वाली एक समस्या है. आप इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या से बच सकते हैं बशर्ते की अपने डाइट में कुछ बदलाव लाएं. न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आईबीएस की समस्या को दूर करने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करना बेहद जरूरी है. वे कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रही हैं, जिनके सेवन से इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या ट्रिगर कर सकती है और डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है.
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम में ना खाएं ये फूड्स
बींस, लेंटिल्स- यदि आपको इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या है तो आप बींस, लेंटिल्स, मटर जैसे फूड्स का सेवन ना करें, क्योंकि इसमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो इसके लक्षणों को बढ़ा सकते हैं. हालांकि, बींस, लेंटिल्स, मटर जैसे खाद्य पदार्थ प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पेट के लिए हेल्दी है, पर आईबीएस में इन्हें ना खाएं.
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स- यदि आपको इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम है तो आप कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का भी सेवन बिल्कुल ना करें. ये ड्रिंक्स आंतों पर उत्तेजक प्रभाव डालते हैं और दस्त का कारण बन सकते हैं. बेहतर है इनके सेवन से परहेज करें.
ब्रोकली, पत्तागोभी ना खाएं- इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या में आप क्रूसिफेरस सब्जियों जैसे पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, ब्रूसेल्स स्प्राउट्स का सेवन ना करें, क्योंकि इनमें फाइबर की मात्रा काफी अधिक होती है और ये इर्रिटेबल बाउल सिंड्रम के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं.
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लहसुन और प्याज से रहें दूर- वैसे तो लहसुन और प्याज काफी हेल्दी है सेहत के लिए, लेकिन आईबीएस की समस्या में इनके सेवन से भी बचना चाहिए. इनमें मौजूद फ्रक्टैन (Fructans) आंतों में जाकर समस्या पैदा कर सकते हैं. आंतों के लिए इसे तोड़ना मुश्किल काम होता है. इससे गैस की समस्या शुरू हो सकती है.
स्पाइसी फूड्स ना खाएं- इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम होने पर कोशिश करें कि आपका भोजन सादा और घर का बना हो. अधिक मसालेदार भोजन के सेवन से आपको पेट में दर्द और जलन की समस्या बढ़ सकती है. मिर्च में मौजूद तत्व कैप्साइसिन (capsaicin) के कारण ऐसा होता है. पेट को हेल्दी रखने के लिए आप सादा, ताजा, कम मसालेदार फूड्स का ही सेवन करें.
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Tags: Eat healthy, Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : October 2, 2023, 11:28 IST