दिल्ली का ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज मॉडर्न साइंस से इलाज का बेहतरीन अस्पताल है लेकिन अब इसमें आपको अध्यात्म से इलाज का मौका भी मिल सकता है. एम्स में काफी पहले से भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी को लेकर शोध किया जा रहा है. यहां योग थेरेपी सेंटर भी शुरू किया गया है. इसके अलावा खानपान में भी आयुर्वेद पथ्याहार के हिसाब से बदलाव किया गया है लेकिन अब इससे भी एक कदम बढ़ के एम्स में आध्यात्मिक मेडिसिन का विभाग शुरू हो सकता है. इसके लिए एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने आदेश जारी कर कमेटी गठित की है.
हाल ही में कमेटी के गठन के आदेश के बाद इस विभाग को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं और फैकल्टी को लेकर संशय भी जताया जा रहा है. हालांकि सूत्रों की मानें तो स्प्रिचुअल मेडिसिन विभाग शुरू होगा और जल्द ही इसका लाभ मरीजों को भी मिलेगा. इसकी तैयारियां की जा रही हैं.
इस बारे में एम्स की मीडिया डिविजन की चेयरपर्सन डॉ. रीमा दादा कहती हैं कि एम्स में पहले से ही योग, ध्यान पर काम हो रहा है. एम्स में न्यूरोलॉजी का सेंटर फॉर एक्सीलेंस पहले से ही योग निद्रा आदि पर कई शोध कर चुका है. एम्स में एलोपैथ, योग, ध्यान सबको एक साथ एकीकृत करने की बात पर काम चल रहा है.
इसके अलावा एम्स में ट्रांसप्लांट विभाग शुरू होने से लिवर, किडनी, हृदय, आंत इत्यादि प्रत्यारोपण की सुविधाएं और बढ़ने की उम्मीद है. संस्थान में इसके लिए पहले से ही फैकल्टी हैं. कुछ फैकल्टी बाहर से भी नियुक्त होंगे. एम्स ने 31 अक्टूबर को इस कमेटी से सिफारिश देने के लिए कहा है. इसके बाद एम्स प्रशासन इस पर कदम उठाएगा.
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FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 18:46 IST