World Mental Health Day 2023: डिप्रेशन से कोई नहीं है अछूता…युवा, आईएएस-IPS और डॉक्टर भी हो रहे हैं शिकार, बचने का है मात्र एक तरीका

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World Mental Health Day 2023. 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के रूप में मनाया जाता है. मानसिक दिक्कतों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के मकसद से ही इस दिन को चुना गया है. कोरोना काल के बाद से ही भागदौड़ भरी जिंदगी और अधिक तनाव मानसिक स्वास्थ्य पर निगेटिव असर डाल रहा है. इस बीमारी के प्रकोप से हाल के दिनों में आम आदमी से लेकर खास जैसे आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफेसर भी नहीं बचे हैं. लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से ही अस्पतालों में एंग्जाइटी पैनिक अटैक (Anxiety Panic Attack) के मरीज ज्यादा आ रहे हैं. अस्पताल में आने वाले मरीजों में घबराहट, नींद नहीं आना, खूब पसीना आना, धड़कनें तेज होना, छाती में दबाव होना, गला बंद होना, सांस लेने में परेशानी और बेचैनी इतनी बढ़ना की मौत का डर जैसे सिम्पटम्स नजर आते हैं. मनोचिकित्सक डॉ राजेश कुमार से जानेंगे कि इस बीमारी पर आप विजय कैसे प्राप्त कर सकते हैं.

मनोचिकित्सकों का मानना है कि जो लोग मानसिक परेशानियों के प्रेशर को हैंडल कर लेते हैं, उन्हें मेंटल हेल्थ पर कोई खास असर नहीं पड़ता है, लेकिन कुछ लोगों को इस वजह से मेंटल प्रॉब्लम शुरू हो जाती हैं. धीर-धीरे यह समस्या मानसिक बीमारियों का रूप ले लेती हैं. आज हमलोग वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मना रहे हैं और आज ही के दिन दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग हिस्सों से तीन आत्महत्या की खबरें आई हैं. आत्महत्या करने वालों में से एक नामी अस्पताल का बड़ा डॉक्टर है तो दूसरा एक हाउस वाइफ और तीसरा एक शख्स पारिवारिक कारणों से परेशान चल रहा था. कुलमिलाकर देश के किसी भी हिस्से में आत्महत्या की घटनाएं अब आम हो गई हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आप मानसिक तनाव को अपने से कैसे दूर रखें और मानसिक बीमारियों की बड़ी वजह क्या होती हैं?

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10 अक्टूबर को ही अखबारों में खबर छपी है कि एक डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया है. (सांकेतिक फोटो)

कोरोना काल के बाद मेंटल हेल्थ की समस्या कितनी बढ़ी?
आज यानी 10 अक्टूबर को ही अखबारों में खबर छपी कि एक डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया है. बता दें कि यह डॉक्टर कोई साधारण डॉक्टर नहीं था. दिल्ली के बड़े अस्पतालों में से एक जीबी पंत अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी थे. डॉक्टर सैबल मुखोपाध्याय ने सुसाइड को क्यों चुना यह तो अभी तक पूरी तरह से निकल कर नहीं आया है, लेकिन कहा जा रहा है कि डॉ सैबल त्वचा रोग से ग्रस्त थे और वह पिछले कई दिनों से परेशान चल रहे थे. डॉ सैबल की उम्र तकरीबन 56 साल की थी. सोमवार को तड़के उन्होंने अपने अपार्टमेंट से कूद कर जान दे दी.

क्या कहते हैं मनोचिकित्सक
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना काल के बाद से तनाव का स्तर लंबे समय तक रह रहा है. तनाव लंबे समय तक बने रहने के कारण लोग डिप्रेशन यानी अवसाद में जा रहे हैं. डॉक्टरों पर भी इसका नतीजा है कि आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. इसलिए मेंटल हेल्थ प्रति लोगों की जागरुकता बहुत ज्यादा जरूरी है. देश के जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ राजेश कुमार कहते हैं, ‘हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान रखना चाहिए. बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक इस बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं. तनाव होना सामान्य बात है, लेकिन इसको इग्नोर करना गंभीर परिणाम देता है. सूई चूभेगी तो दर्द होगा, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप इसे दूर नहीं कर सकते हैं. मानसिक बीमारियों की कई वजहें होती हैं. बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और सोशल कारण प्रमुख हैं. स्मोकिंग, अल्कोहल, ड्रग्स जैसी आदतें भी मेंटल इलनेस की वजह बन सकती हैं. लेकिन, इसको छुपाना नहीं चाहिए बल्कि इसको मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक से बात कर समाधान निकालना चाहिए.’

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इस साल कोटा में 40 से ज्यादा बच्चों ने सुसाइड किया है. Image: Canva

कोटा में छात्रों की हत्या के कारण?
डॉ पारिख कहते हैं, ‘इस साल कोटा में 40 से ज्यादा बच्चों ने सुसाइड किया है. इन बच्चों के सुसाइड के कारण अलग-अलग हैं. यहां समझना जरूरी है कि एक ऐसी चीज, जिसे ठीक किया जा सकता है उसे हम खो रहे हैं. मुझे लगता है कि बहुत सी चीजों की जरूरत है. तनाव कम करने की जरूरत है. बच्चों के माता-पिता से बात करनी चाहिए. कोचिंग संस्थानों से बात करनी चाहिए. छात्रों को हेल्पलाइन के बारे में जानकारी लेनी चाहिए. युवाओं को काउंसलिंग करवाना बहुत जरूरी हो गया है. इसके साथ ही छात्रों को आउटडोर एक्टिविटी बढ़ाना चाहिए. पैरेंट्स को बच्चों को कोसना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें दूसरे कामयाब लोगों का उदाहरण दे कर बच्चों को सफलता का मंत्र देना चाहिए.’

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डॉक्टरों की मानें को मेंटल प्रॉब्लम और मेंटल इलनेस दोनों दो चीज है. इसमें जरूत है अंतर समझने की. स्ट्रेस, एंजायटी, डिप्रेशन और अन्य मेंटल प्रॉब्लम जब लंबे समय तक रहती हैं और सीवियर हो जाती हैं, तब मेंटल डिसऑर्डर या मेंटल इलनेस की समस्या शुरू हो जाती है. मानसिक बीमारी 5 बड़े कारण होते हैं. पहला, बायोलॉजिकल कारण जैसे- जेनेटिक्स और फैमिली हिस्ट्री मेंटल इलनेस की वजह बन सकते हैं. दूसरा, बेघर और बेरोजगारी की वजह से लोग अवसाद में चले जाते हैं. तीसरा, अत्यधिक शराब और अन्य नशीली पदार्थों का सेवन करने से लोगों की मनोदशा बिगड़ जाती है. चौथा, तनावपूर्ण जीवन की वजह से जिसे आप स्ट्रेस कहते हैं उससे आप मानसिक तौर पर बीमार हो सकते हैं. अंतिम कारण आपको खुद या परिवार में किसी शख्स को गंभीर बीमारी हो जाती है तो आप डिप्रेशन में चले जाते हैं.

Tags: Anxiety, Doctors, IAS, IPS, Mental diseases, World mental health day

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