रुक-रुक कर आ रहे हैं पीरियड्स… तो ना लें टेंशन, इस तेल से जल्द मिलेगी राहत

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अर्पित बड़कुल/दमोह. मप्र के दमोह जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अरंडी का पौधा काफी अधिक मात्रा में मिलता है. इसका उपयोग स्थानीय भी कई प्रकार की दवा बनाने में करते हैं. इसका तेल काफी फायदेमंद होता है. अरंडी का तेल बाह्य रूप से दाद, खुजली और भी अन्य प्रकार से इसका उपयोग किया जाता है.

इतना ही नहीं सिर में दर्द होने पर अरंडी के तेल की मालिश करने से सिर दर्द की परेशानी दूर होती है, जलने पर अरंडी का तेल थोड़े-से चूने में फेंटकर आग से जले घावों पर लगाएं तो घाव शीघ्र भर जाते हैं. पेट का साफ होना, बच्चों के पेट के कीड़े, पायरिया, तिल-मस्सों से छुटकारा, गर्दन में दर्द, उल्टी और दस्त के लिए इसका उपयोग किया जाता है.

इर्रेगुलर पीरियड्स का रामबाण इलाज
आयुर्वेद चिकित्सा डॉ दीप्ति नामदेव ने बताया कि अरंडी का पौधा देखने में छोटे कद और पत्ता चौड़ा होता है, जो प्राकृतिक रुप में जन्म लेता है. इसके बीजों से तेल निकाला जाता है, जो औषधि रुप में प्रयोग किया जाता है. अरंडी की पत्तियों का रस पीने से मासिक धर्म में हो रही गड़बड़ी ठीक हो जाती है. ये हार्मोन बैलेंस और इर्रेगुलर पीरियड्स को रेगुलर करने का रामबाण इलाज है.

ऐसे करें इस्तेमाल
अरंडी की पत्तियों का रस अगर कोई गर्भवती जिसे पीलिया हो गया है या नॉर्मल किसी को भी पीलिया हो गया उसमें भी इसका उपयोग किया जाता है. अपेंडिक्स के मरीजों की मालिश भी इस तेल से की जाती है.  महिलाएं इस तेल को चेहरे पर भी लगा सकती हैं, इससे चमक आती है. अगर पेट में कीड़े पड़ गए हैं तो उसके लिए भी इसकी पत्तियों का रस दिया जाता है.

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