बिना अल्कोहल के नहीं बनती होम्योपैथी की दवा, क्या खाने से होता है नशा? एक्सपर्ट से जानिए सब कुछ

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अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: एलोपैथी की मोटी-मोटी कड़वी गोलियों से ज्यादा अच्छा लोगों को होम्योपैथी की दवा का स्वाद लगता है. बच्चे हों या बड़े सभी को छोटी-छोटी मीठी गोलियां खाना और उसे खाकर ठीक हो जाना हमेशा से ही पसंद आता रहा है. होम्योपैथी की दवाएं हमेशा से ही लोगों के इलाज में इस्तेमाल होती आई है.

जो लोग शुरुआत से ही होम्योपैथिक पद्धति से अपना इलाज कर रहे होते हैं उनको एलोपैथिक और आयुर्वेदिक की जगह होम्योपैथिक इलाज ही समझ में आता है. मीठी गोली बच्चों को भी ज्यादातर लोग देते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि होम्योपैथी दवा में अल्कोहल होता है या नहीं? अगर होता है तो कितना प्रतिशत और इससे नशा होता या नहीं. यही जानने के लिए जब लोकल18 ने होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य और लखनऊ के वरिष्ठ होम्योपैथिक डॉक्टर अनिल कुमार त्रिपाठी से बात की. डॉक्टर अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि होम्योपैथिक दवाओं में अल्कोहल यानी शराब मिलाई जाती है.

होम्योपैथिक दवाओं से क्या होता है नशा ?
डॉक्टर अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि होम्योपैथिक दवाओं में शराब इसलिए मिलाई जाती है ताकि उसे संरक्षित किया जा सके. यानी प्रिजर्व किया जा सके. होम्योपैथिक दवाओं की शक्ति और उसकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाता है. उन्होंने बताया कि बहुत ही कम मात्रा में होम्योपैथिक दवाओं में शराब का इस्तेमाल होता है और होम्योपैथिक दवाओं से लोगों को नशा नहीं होता है.

इस रूप में मिलाई जाती है अल्कोहल
डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि होम्योपैथिक दवाओं में एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल मिलाई जाती है जोकि शुद्ध रूप से एल्कोहल होती है लेकिन जिसमें कोई सुगंध या स्वाद नहीं होता है. इसका इस्तेमाल सिर्फ दवा को प्रिजर्व करने के लिए ही किया जाता है, ताकि दवा की गुणवत्ता और शक्ति या यूं कहें प्रभाव बना रहे. इससे किसी को कोई हानि नहीं पहुंचती है और ना ही किसी तरह का कोई नशा होता है.

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FIRST PUBLISHED : October 21, 2023, 13:57 IST

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