अपामार्ग का पौधा कमाल, कई बीमारियों के लिए रामबाण, गर्भवती की नार्मल डिलीवरी कराने में कारगर

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अर्पित बड़कुल/दमोह: बुंदेलखंड के खेतों में बहुतायत मात्रा में होने वाला चिरचिटा आयुर्वेद में बड़ा महत्व रखता है. इसे आयुर्वेद में अपामार्ग कहा जाता है. प्राचीन काल में इसकी जड़ को प्रसूता की नाभि में बांधने पर महिला का आसानी से प्रसव हो जाता था. वास्तु शास्त्र में बहुत से ऐसे पौधों के बारे में बताया गया है, जो व्यक्ति की किस्मत चमकाने में मदद करते हैं. इन्हीं में से एक पौधा है अपामार्ग.

यह पौधा बारिश के मौसम में घास के साथ ही उगता है, लेकिन इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह व्यक्ति की किस्मत चमका सकता है. वास्तु के अनुसार लाल अपामार्ग की टहनी से अगर दातुन करते हैं तो वाक सिद्धि प्राप्त होती है. यह सिद्धि व्यक्ति की इच्छा पूरी करने वाली होती है. इसके अलावा, अपामार्ग की जड़ का अगहन महीने की पूर्णिमा पर प्रातः काल विधिपूर्वक पंचोपचार पूजन करें और इसे अभिमंत्रित कर हाथ में बांधें तो व्यक्ति को हर समस्या से छुटकारा मिल जाता है.

कई बीमारियों के लिए रामबाण
वहीं, आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. ब्रजेश कुलपारिया की मानें तो यह चिरचिटा आयुष विभाग में बड़ा महत्व रखता है, जिसका उपयोग कई रोग के उपचार में किया जाता है. डाइजेशन, रक्त को साफ करने के लिए यह उपयोगी है. डायरिया, अस्थमा में इसकी राख का उपयोग होता है. इसकी प्रवृत्ति क्षारीय होती है. फेफड़े से जुड़े रोग टीवी, कैंसर, के लिए यह फायदेमंद साबित होता है. आयुर्वेद में लिखा हुआ है कि प्रसव के दौरान यदि इसकी जड़ को प्रसूता की नाभि में बांध दिया जाए तो प्रसव आसानी से हो जाता है.

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