‘मशीनी इंसान’ से डरे 18 देशों ने साइन किया 20 पेज का डॉक्यूमेंट, सबकी राय- AI की नाक में नकेल जरूरी

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हाइलाइट्स

सभी देश अब AI के संभावित खतरे को भांपने लगे हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से सुरक्षा में सेंधमारी संभव है.

नई दिल्ली. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) कितना खतरनाक हो सकता है, इस बात अंदाजा अभी तक शायद आप नहीं लगा पाए हों, मगर इसे बनाने वाले इसके संभावित खतरों के बारे में बखूबी जानते हैं. यही वजह है कि दुनियाभर के कई देश एक आवाज में कह रहे हैं कि AI को इस तरह से डिजाइन किया जाए कि यह पूरी तरह सिक्योर अथवा सुरक्षित हो.

अमेरिका, ब्रिटेन समेत दर्जनभर देशों ने रविवार को एक अंतरराष्ट्रीय एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं. द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक यूएस अधिकारी के मुताबिक यह एग्रीमेंट इस बात के लिए था कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम को आपराधिक तत्वों से सुरक्षित रखने हेतु कदम उठाए जाएं. इसका निर्माण करने वाली कंपनियां AI सिस्टम को “सिक्योर बाय डिजाइन” बनाएं.

20 पेज का डॉक्यूमेंट
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 20 पेज के डॉक्यूमेंट पर कुल 18 दर्जन देशों ने सहमति जताई है. संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा, नए दिशानिर्देशों पर हस्ताक्षर करने वाले 18 देशों में जर्मनी, इटली, चेक रिपब्लिक, एस्टोनिया, पोलैंड, ऑस्ट्रेलिया, चिली, इज़राइल, नाइजीरिया और सिंगापुर शामिल हैं.

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इसमें शामिल सभी देशों का उद्देश्य एक है कि AI का मिसयूज़ न हो और जनता सुरक्षित रहे. हालांकि ये एग्रीमेंट बाध्यकारी नहीं है और इसमें सामान्य सिफारिशें हैं, जैसे कि AI सिस्टम की मॉनिटिरिंग करना, डेटा को छेड़छाड़ से बचाना, और सॉफ्टवेयर सप्लाई करने वालों की समय-समय पर जांच और आकलन करना.

पहली बार सुरक्षा का मुद्दा सबसे पहले
फिर भी, अमेरिकी साइबर सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा एजेंसी के निदेशक जेन ईस्टरली ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इतने सारे देश इस विचार के साथ अपना नाम रखें कि AI सिस्टम को सुरक्षा की आवश्यकता है. ईस्टरली ने बताया कि यह पहली देखा जा रहा है कि फीचर्स से पहले इस बात पर सहमति है कि डिज़ाइन चरण में सबसे महत्वपूर्ण चीज़, जोकि सुरक्षा है, को एड्रेस किया जा रहा है. यह फ्रेमवर्क एआई टेक्नोलॉजी को हैकरों द्वारा हैक किए जाने से बचाए रखने के सवालों से संबंधित है.

अमेरिका से आगे है यूरोप
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप AI से संबंधित नियमों के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे है, क्योंकि वहां के कानून निर्माता एआई नियमों का मसौदा तैयार कर रहे हैं. फ्रांस, जर्मनी और इटली भी हाल ही में इस बात पर एक समझौते पर पहुंचे कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को कैसे रेगुलेट किया जाना चाहिए. जो बाइडेन (अमेरिकी राष्ट्रपति) प्रशासन एआई विनियमन के लिए सांसदों पर दबाव डाल रहा है, लेकिन एक पॉलराइज्ड अमेरिकी कांग्रेस ने प्रभावी रेलुगेशन पारित करने में बहुत कम प्रगति की है.

Tags: Artificial Intelligence, Tech News in hindi, Technology

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