कैसे पहचाने वीडियो असली है या नकली, इन 5 बातों का रखें ध्यान, नहीं खाएंगे डीपफेक से धोखा

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हाइलाइट्स

डीपफेक वीडियो में एक्सप्रेशन व बोली में गड़बड़ी नजर आती है.
डीपफेक ऑडियो में आवाज को ध्यान से सुनने पर अंतर नजर आता है.
किसी भी संदिग्ध वीडियो को भरोसेमंद सोर्स से मिलाकर देखना चाहिए.

नई दिल्ली. रश्मिका मंधाना, कैटरीना कैफ और आलिया भट्ट समेत कई अभिनेत्रियां व अन्य लोग हाल के दिनों में डीपफेक वीडियो का शिकार हुए हैं. ये वीडियोज इतनी असली लगती हैं कि इन्हें पकड़ पाना बहुत मुश्किल होता है. सरकार भी इस चीज को लेकर चिंतित है और इससे निपटने के लिए कदम उठा रही है. लोगों को भी अपने स्तर पर डीपफेक वीडियोज को पहचानना सीखना होगा ताकि इससे होने वाले नुकसान को न्यूनतम किया जा सके.

डीपफेक वीडियो क्या होती है? ऐसी वीडियो (या ऑडियो) जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है. डीपफेक्स कई तरह के होते हैं. आप इसमें किसी एक शख्स के चेहरे को दूसरे शख्स के चेहरे से बदल सकते हैं. लिप सिंक किया जा सकता है. इसके जरिए कोई व्यक्ति ऐसी बात बोलता दिखाया जा सकता है जो उसने कभी बोली ही नहीं. इसके अलावा ऑडियो क्लोनिंग की जा सकती है. इसमें किसी शख्स की आवाज को क्लोन कर उसकी आवाज में ऐसी बातें बुलवाई जाती हैं जो उसने कभी नहीं कहीं. यहां तक कि मृत लोगों को भी डीपफेक के जरिए बोलते दिखाया जा सकता है.

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कैसे पहचाने डीपफेक
डीपफेक को पहचानने के 5 तरीके

  • किसी भी वीडियो पर भरोसा करने से पहले रुककर सोचें कि क्या जो उस वीडियो में कहा और किया जा रहा है वह सच हो सकता है? क्या आप मान सकते हैं कि कोई बंदर धाराप्रवाह हिंदी बोलने लगेगा? अगर संदेह हो तो उसे शेयर ना करें.
  • यह देखें कि क्या उस वीडियो का कोई और ऑथेंटिक सोर्स मिल रहा है. वह वीडियो या ऑडियो कहीं और आपको उसी तरह से दिख रही है. याद रखें कि यहां आपको ऐसे सोर्स देखने हैं जो आपके भरोसेमंद और नामी हों.
  • अन्य जगहों से वही वीडियो मिलने पर उन्हें कंपेयर कर के देखें. आप उसी तरह की दूसरी वीडियो ढूंढने के लिए गूगल या डकडक गो का सहारा ले सकते हैं. फोटो के लिए आप रिवर्स इमेज सर्च का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • डीपफेक वीडियो में कुछ बातें बहुत आराम से पकड़ी जा सकती हैं. मसलन, कान में पहने गए आभूषण का मिसमैच होना, नाक-कान में कुछ गड़बड़ दिखना या दांत की शेप व कलर का चेहरे के हिसाब से मैच न करना. चेहरे के एक्सप्रेशन अन-नैचुरल लगना आदि.
  • आप वीडियो को जूम करके लिप सिंक को भी चेक कर सकते हैं. अक्सर ऐसी वीडियो में होठों की मूवमेंट वैसे तो सामान्य लगती है लेकिन थोड़ा नजदीक से देखने पर समझ आता है कि होंठ की मूवमेंट कही जा रही बात से मैच नहीं कर रही है.

डीपफेक से नुकसान
डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल लोगों को मानसिक तौर पर चोट पहुंचाने के लिए किया जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोग टेक्नोलॉजी को लेकर इतने अपडेटेड नहीं हैं वहां किसी की छवि बिगाड़ने के लिए इसका इस्तेमाल हो सकता है. डीपफेक वीडियो के जरिए समाज में विच्छेद पैदा किया जा सकता है. डीपफेक वीडियोज एक मजाक के तौर पर भले ही देखने-सुनने में अच्छी लगें लेकिन इनका नकारात्मक प्रभाव काफी दूर तक हो सकता है.

Tags: Artificial Intelligence, Tech news, Tech News in hindi

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