हाइलाइट्स
पूरी दुनिया में मटर को हजारों सालों से खाया जा रहा है.
मटर शरीर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान से बचाती है.
Health Benefits of Peas and History: सर्दियों की सब्जी है मटर. सब्जियों में इसका साइज सबसे छोटा माना जाता है, लेकिन गुणों में यह भरपूर है. विटामिन व मिनरल्स से भरपूर मटर डाइजेशन सिस्टम को सुधारे रखती है. यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को भी शरीर में बनने से रोकती है. इस सब्जी में बीमारियों से लड़ने और शरीर को स्वस्थ रखने के गुण मौजूद हैं. फूड में बढ़ते हाइटेक सिस्टम के चलते मटर अब बारह महीने बाजार में मिलने लगी है. सर्दियों में मिलने वाली मटर का स्वाद तो गजब का होता है. ताजी, फूली, चमकरदार व हल्के मीठे मटर के दाने स्वाद में तो बेजोड़ हैं हीं, पकने के बाद यह सब्जी का स्वाद उभार देते हैं. साथ ही रिचनेस से भी भरपूर होते हैं. पूरी दुनिया में मटर को हजारों सालों से खाया जा रहा है. इसके कई तरह के डिश बनाए जा सकते हैं, इसलिए यह लोगों को ज्यादा रास आती है. मटर के खास गुणों से हम आपको आज परिचित करवाते हैं.
1. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक व ‘वेजिटेबल’ पुस्तक के लेखक व डॉ. बिश्वजीत चौधरी का कहना है कि मटर में कम फैट व कैलोरी होती है, लेकिन फाइबर, फॉस्फोरस, सोडियम, कॉपर, विटामिन ए व सी के अलावा, पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, थाइमिन (कार्बोहाइड्रेट को एनर्जी में बदलने वाला तत्व), पोटैशियम आदि पाए जाते हैं. मटर में प्रीबायोटिक (आंतों में स्वस्थ बैक्टरिया का विकास) और फाइबर होता है, जिसे डाइजेशन सिस्टम के लिए लाभकारी माना जाता है, जो पाचन प्रक्रिया में फायदेमंद हो सकता है. इसमें मौजूद गैलेक्टोज ऑलिगोसेकेराइड (कब्ज व पेट दर्द में लाभकारी यौगिक) बड़ी आंत में भोजन को पचाने में मदद करता है. यह सब तत्व शरीर की विषाक्तता को घटाने में भी लाभकारी माने जाते हैं.
2. मटर का बड़ा गुण है कि यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है. असल में यह अच्छे व हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर का मैनेज कर, उसे शरीर में बैलेंस करती है. बढ़ता कोलेस्ट्रॉल धमनियों को बाधित करता है, जिससे हार्ट से जुड़ी की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल तरीके से मैनेज होगा तो हार्ट का सिस्टम बेहतर कारगर रहेगा. खास बात यह भी है कि मटर में एडिबल फाइबर को भी हार्ट के लिए गुणकारी माना जाता है.
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3. मटर में कुछ न्यूट्रिएंट्स (प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, पानी और खनिज) भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. यह पोषक तत्व बॉडी में एनर्जी तो प्रदान करते ही हैं, साथ ही ऊतकों (Tissue) को स्वस्थ व मजबूत बनाए रखने में भी भूमिका अदा करते हैं. यही तत्व हड्डियों को भी पर्याप्त पोषकता पहुंचाते हैं, जिससे वह लंबे समय तक मजबूत बनी रहती हैं. ऐसा भी माना जाता है कि मटर में बॉडी के पित्त (Bile) का भी शमन करने में सहायक है. अगर मटर का नियमित सेवन किया जाए तो यह एनीमिया की आशंका को दूर रखती है. उसका कारण यह है कि इसमें आयरन भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि मटर का सेवन कैंसर को दूर रखने में मदद करता है.
4. मटर में सामान्य बीमारियों से लड़ने के भी गुण हैं. असल में इसमें फेनोलिक यौगिकों जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. एंटिऑक्सीडेंट वे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान से बचाते हैं. फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कण हमारे शरीर में मुख्य रूप से भोजन के पाचन के दौरान उत्पन्न होते हैं. ये हानिकारक अणु होते हैं, जो शरीर की अंदरूनी कोशिकाओं (Cells) को डैमेज करते हैं, जिसके चलते बीमारियों व स्किन के ढीलेपन का खतरा बढ़ जाता है. एंटीऑक्सीडेंट इन मुक्त कणों को कंट्रोल करने का काम करते हैं. इसका लाभ यह रहेगा कि शरीर स्वस्थ रहेगा और शरीर में बुढ़ापा देर में दस्तक देगा. इस कार्य में मटर में मौजूद प्रोटीन भी मदद करती है.
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मटर का इतिहास और सफर
दुनिया में मटर की उत्पत्ति पाषाण काल से ही मानी जाती है. तब यह जंगलों में अपने-आप उगती थी. अमेरिकी वनस्पति वैज्ञानिक सुषमा नैथानी का कहना है कि मटर का उत्पत्ति केंद्र पृथ्वी का मेडिटेरियन सेंटर यानी भूमध्यीय सागर के आसपास का क्षेत्र है, जिसमें ग्रीस, सीरिया, तुर्की, इज़राइल, इराक और जॉर्डन आदि देश आते हैं. कहा यह भी जाता है कि 10 हजार साल पहले मटर की खेती मध्य पूर्व में की गई थी और चार हजार साल पहले मटर की खेती पूरे यूरोप और पूर्व भारत में फैल गई थी. फूड हिस्टोरियन यह भी मानते हैं कि कि 2000 ईसा पूर्व हड़प्पा संस्कृति में मटर की खेती की जानकारी मिली है. उस युग में गेहू, जौ, मटर, बाजरा, कपास सरसों, राई, तिल आदि की खेती की जा रही थी. मटर अब सर्वग्राही हो चुकी है और दुनिया के अधिकतर देशों में इसकी खेती होती है और जहां नहीं होती, वहां पर भी दूसरे देशों से मंगाकर इसे खाया जाता है.
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Tags: Eat healthy, Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : December 17, 2023, 05:41 IST