हाइलाइट्स
लंबे समय तक इयरफोन का इस्तेमाल करने से कानों के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.
हेडफोन को इयरफोन की तुलना में बेहतर माना जा सकता है, लेकिन इसे भी कम यूज करें.
Are Earphones Better Than Headphones: आज के जमाने में अधिकतर लोग इयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं. इन दोनों ही चाजों का ज्यादा इस्तेमाल करना कानों के लिए खतरनाक माना जाता है. रोजाना घंटों इयरफोन या हेडफोन इस्तेमाल करने से कानों को नुकसान होता है और बहरेपन का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में डॉक्टर्स हमेशा लोगों को कम से कम समय के लिए इयरफोन या हेडफोन इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. हालांकि इयरफोन और हेडफोन को लेकर भी लोगों के बीच अक्सर चर्चा होती है. कई लोग इयरफोन को कानों के लिए सेफ मानते हैं, तो बड़ी तादाद में लोग हेडफोन इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. अब सवाल है कि इन दोनों चीजों में से कौन सी चीज का इस्तेमाल करना कानों के लिए ज्यादा फायदेमंद है.
मुंबई की ENT स्पेशलिस्ट डॉ. रचना मेहता ने पिछले दिनों अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने इयरफोन और हेडफोन की तुलना कर बताया था कि इन दोनों में से किस चीज का इस्तेमाल करना कानों के लिए कम नुकसानदायक होता है. डॉक्टर के मानें तो जब कानों के अंदर पहने जाने वाले इयरफोन और हेडफोन्स को चुनने की बात की जाए, तो निश्चित तौर पर हेडफोन बेहतर विकल्प माना जाएगा. इसे कानों के लिए इयरफोन की तुलना में कम नुकसानदायक माना जा सकता है.
इयरफोन के नुकसान कर देंगे हैरान
डॉ. रचना मेहता की मानें तो इयरफोन कान के अंदर लगाए जाते हैं, जिसका सीधा असर हमारे कानों की कैनाल (Ear Canal) पर पड़ता है. जब इयरफोन को कान की नलिका के अंदर डाला जाता है, तो यह कान के मैल को गहराई तक धकेल देता है. इससे कान में रुकावट पैदा हो सकती है. ऐसी कंडीशन में आपको कानों की समस्या बढ़ने का खतरा होता है. इसके अलावा इयरफोन सीधा हमारे कान के पर्दे (Ear Drum) को प्रभावित करता है. तेज आवाज में इयरफोन का इस्तेमाल करने से कानों के पर्दे को नुकसान होता है. इयरफोन कानों को पूरी तरह से बंद कर देते हैं, यह नमी को फंसा लेते हैं, जिससे कान में इंफेक्शन की आशंका भी बढ़ जाती है. इसलिए लोगों को इयरफोन कम से कम इस्तेमाल करने चाहिए.
हेडफोन का इस्तेमाल भी कम ही करें
एक्सपर्ट की मानें तो इयरफोन या हेडफोन के लगातार लंबे समय तक इस्तेमाल करने से नॉइस इंड्यूस्ड हियरिंग लॉस (NIHL) का खतरा बढ़ जाता है. शहरों में शोर का स्तर पहले से ही डब्ल्यूएचओ सीमा से ऊपर होता है. ऐसे में दोनों ही चीजों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए. इसके अलावा हेडफोन का इस्तेमाल भी अधिकतम 60 प्रतिशत से कम वॉल्यूम में ही करना चाहिए. अगर आप इन चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो आपको समय-समय पर कानों की जांच करानी चाहिए, ताकि परेशानियों का शुरुआत में ही पता लगाकर इलाज किया जा सके. हेडफोन को इयरफोन की तुलना में बेहतर माना जा सकता है, लेकिन इसे भी ज्यादा इस्तेमाल करेंगे, तो आपके कानों को नुकसान हो सकता है. ऐसे में लापरवाही से बचें और सावधान रहें.
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FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 10:05 IST